कुरुक्षेत्र में चलने वाले इंटरनेशनल गीता महोत्सव 2023 का आज शुभारंभ होगा।जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ शामिल होंगे।सर्वप्रथम उपराष्ट्रपति यूनिवर्सिटी के एक समिनर प्रोग्राम में शिरकत करेंगे। प्रोग्राम के बाद उपराष्ट्रपति पुरुषोत्तमपुरा बाग में असम पवेलियन, हरियाणा पवेलियन, सूचना, जनसंपर्क, भाषा एवं संस्कृति कार्य विभाग की राज्यस्तरीय प्रदर्शनी का उद्घाटन करेगें।इसके बाद में उपराष्ट्रपति के साथ में एक फोटो सेशन प्रोग्राम भी होगा।जिसके बाद में उपराष्ट्रपति आरती प्रोग्राम में भी शामिल होंगे।
- 1 CMO Haryana द्वारा ट्वीट कर दी गई जानकारी।
- 2 इंटरनेशनल गीता महोत्सव 2023 पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश।
- 3 कौन-कौन होगा प्रोग्राम में शामिल।
- 4 अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में ये कलाकार देगें अपनी प्रस्तुति।
- 5 शिल्पकार और कलाकार दोनों छोड़ रहे है अपने राज्यों की छाप।
- 6 लाजवाब खाने का लुफ्त।
- 7 अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव मनाने का महत्व।
- 8 अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव की ऑफिशल वेबसाइट पर जाने के लिए यहाँ क्लिक करें। Click Here
CMO Haryana द्वारा ट्वीट कर दी गई जानकारी।
इंटरनेशनल गीता महोत्सव के अवसर पर CMO Haryana ने भी ट्वीट करते हुए कहा की- कुरुक्षेत्र में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनकर जी शुभारंभ करेंगे। इस अवसर पर माननीय मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल जी की गरिमामयी उपस्थिति रहेगी। देश के अलग-अलग राज्यों की कला एवं संस्कृति को जोड़ने वाले इस महोत्सव को सफल बनाने के लिए आप सभी भी अपनी उपस्थिति दर्ज करें।
इंटरनेशनल गीता महोत्सव 2023 पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश।
“इंटरनेशनल गीता महोत्सव 2023 के अवसर पर नरेंद्र मोदी ने भी देशवासियों को संदेश देते हुए कहा की- सभी देशवासियों को गीता जयंती की अनंत शुभकामनाएं श्रीमद् भागवत सदियों से मानवता का मार्गदर्शन करती आई है।अध्यात्म और जीवन दर्शन से जुड़ा यह महान ग्रंथ हर युग में पथ दर्शक बना रहेगा”।
कौन-कौन होगा प्रोग्राम में शामिल।
इस प्रोग्राम में मुख्य अतिथि के रूप में हरियाणा के उच्च शिक्षा मंत्री मूलचंद शर्मा ,प्रोग्राम पार्टनर असम के कल्चर मिनिस्टर श्री बिमल बोरा ,केंद्र से श्री सुधांशु त्रिवेदी प्रोग्राम में शामिल होगें।खबरों की माने तो केंद्र से केंद्रीय मंत्री श्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश राज्य के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ भी इंटरनेशनल गीता महोत्सव 2023 में शामिल हो सकते हैं। इसके लिए कुरुक्षेत्र बोर्ड ने तैयारी भी पूर्ण कर ली है। जानकारी के अनुसार अमित शाह योगी आदित्यनाथ 22 या 23 दिसंबर को प्रोग्राम में शामिल हो सकते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में ये कलाकार देगें अपनी प्रस्तुति।
इंटरनेशनल गीता महोत्सव 2023 को चार चाँद लगाने विभिन्न कलाकार अपनी कला का भी प्रदर्शन करेंगे। जिसमें मुख्यतःफिल्म अभिनेत्री भाग्यश्री महाभारत धारावाहिक में कृष्ण की भूमिका निभाने वाले नीतीश भी इन कार्यक्रमों में अपनी प्रस्तुति पेश करेंगे।इसके अलावा उत्तराखंड, पंजाब हिमाचल, दिल्ली, मिजोरम, मेघालय, असम, त्रिपुरा, लद्दाख और वेस्ट बंगाल आदि राज्यों के लोक कलाकारों द्वारा प्रस्तुतियां दी जा रही है।
शिल्पकार और कलाकार दोनों छोड़ रहे है अपने राज्यों की छाप।
इंटरनेशनल गीता महोत्सव 2023 में तक़रीबन 900 की संख्या में शिल्पकार तथा 14 से ज्यादा राज्यों के कलाकार अपने-अपने राज्यों की प्रस्तुतियां द्वारा छाप छोड़ रहे हैं।इन प्रस्तुतियों के माध्यम से पर्यटक भी अखंड भारत की झलक देखकर काफी खुश तथा अपने आप को गोरांवित महसूस कर रहे हैं।
लाजवाब खाने का लुफ्त।
इंटरनेशनल गीता महोत्सव 2023 में पर्यटक लाजवाब व्यंजनों का भी आनंद ले रहे हैं जिसमें मुख्यतःराजस्थान की कचोरी, बिहार का लिट्टी चोखा, पंजाब की लस्सी व कश्मीर का कहवा आदि लाजवाब व्यंजन है जिनके दर्शन खूब आनंद उठा रहे हैं इसके साथ-साथ हरियाणा पवेलियन में हरियाणा के स्वादिष्ट व्यंजन तथा असम पवेलियन में असम के स्वादिष्ट व्यंजनों का भी मजा पर्यटक भरपूर उठा रहे हैं।
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव मनाने का महत्व।
गीता महोत्सव का आयोजन हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण ग्रंथ भगवद गीता के महत्व को मनाने के लिए किया जाता है। यह उत्सव भगवद गीता की महत्वपूर्णता को बढ़ावा देने के लिए आयोजित होता है और लोगों को इस धार्मिक ग्रंथ के सारांश, शिक्षा और तत्वों के साथ मिलाकर उनके जीवन में धार्मिकता और नैतिकता को समझाने का मौका प्रदान करता है।
गीता महोत्सव का आयोजन विभिन्न भागों में हो सकता है, जिसमें भगवद गीता के पाठ, कवि सम्मेलन, धार्मिक प्रवचन, संगीत कार्यक्रम, नृत्य आदि शामिल हो सकते हैं। इसे विभिन्न स्थानों पर विभिन्न तिथियों में आयोजित किया जाता है और लोग इस अवसर पर आकर अपने धार्मिक और सांस्कृतिक ज्ञान को बढ़ाते हैं।
इस उत्सव का मुख्य उद्देश्य है लोगों को भगवद गीता के सिद्धांतों से मिलकर जीवन को सकारात्मक दृष्टिकोण से देखने का प्रेरणा देना और धार्मिकता, नैतिकता और सांस्कृतिक मूल्यों के प्रति समर्पित करना है।