तीनों राज्यों के चुनाव परिणाम आने के बाद और ख़ासकर राजस्थान चुनाव परिणाम के बाद अब हरियाणा की राजनीति में फिर से उठा पटक का दौर शुरू हो चुका है। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि राजस्थान में चुनाव नतीजे आने के बाद अब हरियाणा में गठबंधन सहयोगी पार्टियों भाजपा और जजपा आमने-सामने हो गई है।
क्या है पूरा मामला।
खबरों की माने तो जनता जननायक पार्टी राजस्थान में बीजेपी सरकार से कुछ सीटे चाहा रही थी।जिस पर वे विधायकों को चुनाव लड़ा सके।लेकिन बीजेपी सरकार ने इस मामले में कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखाई।इसके बाद ‘जनता गणनायक पार्टी’ ने अपने अकेले दम पर ही राजस्थान में 19 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा।हालांकि इन चुनाव में जनता जननायक पार्टी किसी भी सीट पर जीत दर्ज तो छोड़ों, कुछ सीटों पर तो पार्टी की जमानत ही जप्त हो गई।
कब हुआ यह मामला इतना हाईलाइट।
दरअसल पत्रकारों से बातचीत करते हुए जनता जननायक पार्टी के अध्यक्ष दिग्विजय सिंह चौटाला ने कहा- कि जनता दुष्यंत चौटाला को हरियाणा का अगले मुख्यमंत्री के तौर पर तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीसरी बार पीएम के रूप में देखना चाहती है। इससे पहले भी दिग्विजय सिंह चौटाला ने पार्टी कार्यकर्ताओं को हरियाणा में अगले मुख्यमंत्री के रूप में दुष्यंत चौटाला हो इसके लिए तैयारी करने के लिए कहा था। जिस पर भी मामला काफी गरमा गया था। दिग्विजय सिंह चौटाला के इन्हीं ब्यानों के कारण दोनों पार्टियों की नेता आमने-सामने हो गये। वर्तमान समय में दिग्विजय सिंह चौटाला जनता जननायक पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव हैं।
दिग्विजय सिंह चौटाला के ब्यान पर भाजपा नेता की तीखी प्रकिया।
दिग्विजय सिंह चौटाला के इस बयान पर भाजपा के राष्ट्र सचिव व हरियाणा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने अपनी तीखी प्रकिया देते हुए कहा की- ‘मुख्यमंत्री बनने के सपने तो कोई भी देख सकता है।लेकिन राजस्थान चुनाव के नतीजे भी आप को देखने चाहिए।वहाँ पर भी आप ने पूरे जोश के साथ चुनाव प्रचार किया था’।
क्या इस बार भी दोनों पार्टियों गठबंधन के साथ हरियाणा में लड़ेगी चुनाव।
हरियाणा विधानसभा चुनाव में कुछ ही महीनों का समय रह गया है। ऐसे में अभी तक भी यह साफ नहीं कहा जा सकता की हरियाणा में अब आगे होने वाले विधानसभा चुनाव में दोनों गठबंधन पार्टियों एक साथ चुनाव लड़ेगी या अलग-अलग। हालांकि इस बारे में दोनों ही पार्टियों के बड़े नेता यह कह भी चुके हैं कि- हरियाणा में आगे होने वाले विधानसभा चुनाव में दोनों पार्टियों एक साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी या नहीं यह ‘आने वाला समय ही तय करेगा’। इससे पहले जनता जननायक पार्टी NDA गठबंधन की मीटिंग में शामिल हुए थे।सूत्रों के अनुसार जनता जननायक पार्टी स्वयं भी यह चाहती है, कि आने वाले लोकसभा चुनाव में हरियाणा की 10 लोकसभा सीटों पर दोनों पार्टियों एक साथ मिलकर चुनाव लड़े।लेकिन सूत्रों के अनुसार भाजपा सरकार यह मान रही है कि लोकसभा चुनाव के दृष्टिकोण से हरियाणा राज्य में उसकी स्थिति बहुत मजबूत है।तथा उसे गठबंधन की आवश्यकता नही पड़ेगी।
गठबंधन की जाट वोटों पर नजर।
कुछ राजनीतिक जानकारों के अनुसार भारतीय जनता पार्टी और जनता जन नायक पार्टी चुनाव के समय कुछ सोची-समझी रणनीति से अलग हो सकती है। ऐसे कयाश इसलिए भी लगाया जा रहा है क्योंकि जाट वोटों पर पहले से ही कांग्रेस व हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की नजर है तथा जाट वोटों पर हमेशा से ही भूपेंद्र सिंह हुड्डा का दबदबा रहा है। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी सोची-समझी रणनीति के तहत जनता जननायक पार्टी को अलग से चुनाव लाडवा सकती है।ताकि जाट वोट जनता जननायक पार्टी के खाते में आ सके और चुनाव के नतीजे के आधार पर एक बार फिर दोनों पार्टियों गठबंधन कर सके।
राजस्थान में अजय चौटाला व सीएम दुष्यंत चौटाला ने किया था चुनाव प्रचार।
हालांकि राजस्थान चुनाव में अजय चौटाला व हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला लगातार अपनी नजर भी बनाए हुए थे तथा राजस्थान चुनाव में अजय चौटाला व हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने चुनाव प्रचार भी किया। इसके बावजूद भी उनकी पार्टी से कोई भी विधायक चुनाव में जीत दर्ज न कर सका।
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