हरियाणा सरकार ने आज एक बार फिर ‘Baba Ram Rahim’ को 21 दिन की फरलो प्रदान की है। इन 21 दिनों के दौरान बाबा राम रहीम को यूपी के बागपत आश्रम में रहना होगा। इससे पहले 7 फरवरी 2022 ,में Baba Ram Rahim को पहली बार फरलो मिली थी। फरलो के साथ-साथ बाबा राम रहीम 7 बार पैरोल पर भी बाहर आ चुके हैं। 24 अक्टूबर 2020 को बाबा राम रहीम को पहली बार 24 घंटे के लिए पैरोल पर लाया गया था। 24 अक्टूबर 2020 की पेरोल को छोडकर अन्य सभी पेरोल व फ़रलो के दौरान वह बागपत के आश्रम में रहे तथा वहीं से ही ऑनलाइन माध्यम से सत्संग किये। Baba Ram Rahim आज की फ़रलो के बाद 9वीं बार जेल से बाहर आए हैं।
क्या है Baba Ram Rahim का इतिहास।
Baba Ram Rahim हरियाणा में स्थित ‘डेरा सच्चा सौदा’ संस्था के मुखिया है। Baba Ram Rahim का हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, सहित अन्य कई राज्यों में काफी प्रभाव है।Baba Ram Rahim की ताकत का अंदाजा इसी बात से लगया जा सकता है की वे कई बार हरियाणा के ‘मुख्यमंत्री’ मनोहर लाल खट्टर तथा पूर्व ‘शिक्षा मंत्री’ राम बिलास शर्मा के साथ भी नजर आ चुके हैं।
विवादों से पुराना नाता।
Baba Ram Rahim का विवादों से भी काफी पुराना नाता है। तथा वह वर्तमान में भी साध्वी शोषण मामले तथा पत्रकार रामचंद्र छत्रपति मामले में हरियाणा की सुनारिया जेल में सजा काट रहे है। साध्वी दुष्कर्म मामले में 2017 में कोर्ट द्वारा बाबा राम रहीम को दोषी करार दिया गया था। जिसके बाद से ही वह रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है। इसके बाद आज उसे दूसरी बार फरलो दी गई है, इससे पहले भी एक बार फरलो तथा 7 बार पैरोल पर बाहर आ चुके है।
पैरोल पर भी सुर्खियों बाबा।
बाबा राम रहीम ने अपने केसों को लेकर जितने सुर्खियाँ में रहते हैं इतने ही पैरोल पर जब बाहर आते हैं तब। चाहे बाबा के दर्शन करने कांग्रेसी नेताओं का उनके सत्संग में जाना हो या बीजेपी के पार्षदों का बाबा से लाइव प्रोग्राम में बातचीत करना हो। बाबा राम रहीम पैरोल पर आने के बाद में अपने गानों के कारण भी काफी सुर्खियों में रहते हैं।
Baba Ram Rahim की अब भी पहले जैसे दीवानगी।
Baba Ram Rahim जेल में रहे या बाहर राम रहीम के चाहने वालों में अब भी कोई कमी नहीं आई है। जब राम रहीम इससे पहले जब पैरोल पर बाहर आया था तब भी उसकी सत्संग में लाखों की भीड़ आम ही देखने की मितली थी। हालंकि प्रशासन की पाबंदियों के बावजूद भी इतनी भीड़ का उसकी सत्संग में लोगों का आना यह बताता है। की ‘राम रहीम पॉपुलैरिटी ‘ में अब भी कोई कमी नहीं आई है। हालंकि जब-जब राम रहीम जेल से बाहर आया है , तब तब उसने अपने अनुयायियों से सरकार व प्रशासन का हर संभव सहयोग करने को ही कहा है।
कब-कब मिली बाबा राम रहीम को फरलो व पैरोल।
कब-कब मिली पेरोल/फ़रलो | पेरोल/फरलो के दिन | कहाँ-कहाँ रहे |
24 अक्टूबर 2020 | 24 घंटे | गुरुग्राम (हरियाणा ) |
21 जून 2021 | 48 घंटे की कस्टीडी | गुरुग्राम (हरियाणा ) |
07 फ़रवरी 2022 | 21 की फरलो | गुरुग्राम (हरियाणा ) |
17 जून 2022 | 30 दिन की पेरोल | बागपत (उत्तर प्रदेश) |
15 अक्टूबर 2022 | 40 दिन की पेरोल | बागपत (उत्तर प्रदेश) |
21 जनवरी 2023 | 40 दिन की पेरोल | बागपत (उत्तर प्रदेश) |
20 जुलाई 2023 | 30 दिन की पेरोल | बागपत (उत्तर प्रदेश) |
21 नवम्बर 2023 | 21 दिन की फरलो | बागपत (उत्तर प्रदेश) |
पैरोल और फरलो क्या होती है।
- फरलो।
लंबी सजा के कैदी को फरलो दी जाती है यह कैदी की एक तरह से छुट्टी होती है। जिसमें कुछ दिन के लिए कैदी को जेल से रिहा किया जाता है। फरलो को कैदी के अधिकार से भी जड़ कर दिखा जाता है। यह बिना किसी कारण के भी मिल सकती है। कैदी को फरलो देने का मुख्य: उद्देश्य परिवार और समाज में लोगों से मिले देना है। फरलो हर कैदी का अधिकार होता है।
- पैरोल।
पैरोल में कैदी को सजा के दौरान कुछ विशेष शर्तों के आधार पर अस्थाई रूप से कुछ दिन के लिए जेल से रिहा किया जाता है। पैरोल भी एक कैदी का अधिकार होता है। जो कि उसे उसके आचरण के आधार पर प्रदान कि जाती है।
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