यदि आपने भी LIC (Life Insurance Policy) पॉलिसी ले रखी है तो यह खबर आपके लिया है. खबर है कि यदि अपने लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी ले रखी है और आप इसे सरेंडर करना चाहते हैं.तो इस स्थिति में अब आपको कम नुकसान होने की संभावना है. क्योंकि 1 अक्टूबर 2024 से लाइफ इंश्योरेंस से संबंधित कुछ नियमों में बदलाव किया गया है. इन बादलावों के बारे में IRDAI(Insurance Regulatory and Development Authority of India) ने जून महीने में ही एक सर्कुलर जारी किया था.जिसके अनुसार अब लाइफ इंश्योरेंस के एंडोमेंट पॉलिसी को तय समय से पहले बंद करने पर भी पॉलिसी होल्डर को बीमा कंपनी से ज्यादा पैसे मिलेंगे.आपको बता दे की इंश्योरेंस के नए प्रोडक्ट्स पर यह नियम जून महीने से ही लागू कर दिए थे. लेकिन मार्केट में पहले से मौजूद प्रोडक्ट्स के लिए 30 सितंबर 2024 तक का समय दिया गया था. अब 1 अक्टूबर 2024 से यह नियम सभी LIC पॉलिसीज पर लागू कर दिए गए हैं.
LIC के इन नियमों से अब इस प्रकार होगा लाभ।
आपको बता दे की 1 अक्टूबर 2024 से लागू हुए LIC के नए नियमों से ग्राहकों को अब पॉलिसी सरेंडर करने पर भी लाभ प्राप्त होगा. अब आखिरकार सवाल यह उठता है की पॉलिसी को बीच में ही सरेंडर करने पर लाभ कैसे मिलेगा.तो आईए जानते हैं की क्या कहता है LIC का यह नया नियम. आपको बता दे की पहले ग्राहक द्वारा लाइफ इंश्योरेंस कराने पर और 1 साल के बाद बीच में ही पॉलिसी को सरेंडर करने पर ग्राहक का पूरा पैसा डूब जाता था. लेकिन 1 अक्टूबर 2024 के नियम के अनुसार यदि LIC पॉलिसी धारक बीच में ही अपनी LIC पॉलिसी सरेंडर करता है, तो उसे कम नुकसान होगा. यानि की नए नियम के अनुसार यदि ग्राहक बीच में ही अपनी पॉलिसी सरेंडर करता है, तो ग्राहक द्वारा चुकाए गये प्रीमियम का कुछ हिस्सा कंपनी द्वारा ग्राहक को वापस कर दिया जाएगा. आपको बता दें की इस नए नियम से ग्राहकों को तो लाभ होगा, लेकिन कंपनियों का लाभ हिस्सा कम हो जाएगा.
पॉलिसी नियमों में बदलाव पर काफी समय से विचार-विमर्श।
आपको बता दे की पिछले कई सालों से LIC पॉलिसी के सरेंडर पर विचार विमर्श किया जा रहा था. वही विश्लेषकों की माने तो इस नए नियम से LIC ग्राहकों को काफ़ी फायदा होगा. क्योंकि जिन ग्राहकों को पॉलिसी गलत तरीके से बेची गई थी और वो अपनी पॉलिसी बीच में सरेंडर करना चाहते थे.अब उन ग्राहकों को बीच में पॉलिसी सरेंडर करने पर भी कुछ कटौती के साथ प्रीमियम की राशि का भुगतान किया जाएगा. आइए अब देखते हैं कि ग्राहक द्वारा बीच में पॉलिसी सरेंडर करने पर किस अनुपात में कितना लाभ होगा. मान लीजिए किसी ग्राहक ने 1 साल के लिए एंडोमेंट पॉलिसी खरीदी है और जिसकी सालाना प्रीमियम राशि 1.2 लाख रु है और यह पॉलिसी 10 वर्षों के लिए ली गई है.जिसमें 5 साल तक प्रीमियम राशि का भुगतान किया जाना है. ऐसे में यदि कोई ग्राहक अपनी पहली प्रीमियम राशि चुकाने के बाद पॉलिसी को बीच में ही सरेंडर करता है.तो इस स्थिति में ग्राहक को 1.06 लाख रु कंपनी द्वारा भुगतान किए जाएँगें. हालांकि इस नए नियम से पहले ग्राहक द्वारा पॉलिसी को बीच में ही सरेंडर करने पर कंपनी द्वारा एक भी पैसा ग्राहक को नहीं दिया जाता था.
कुछ कंपनियों ने किया फैसले का स्वागत।
आपको बता दे की कुछ बीमा कंपनियों ने इस नए फैसले का स्वागत भी किया है. कंपनियों का मानना है कि इस नए नियम से ग्राहकों को लाभ मिलेगा. क्योंकि कुछ पॉलिसीज ऐसी होती है जो की शुरुआती सालों में ही बंद हो जाती है. जिससे ग्राहकों को फायदे की जगह नुकसान ना पड़ता है. वही आपको बता दे की मई-जून में Insurance Regulatory and Development Authority of India द्वारा इस बिल के ड्राफ्ट को पेश किया गया था. जिसके बाद काफी जीवन बीमा कंपनियों ने इस नए नियम का विरोध भी किया था. इन कंपनियों का मानना था कि इस नियम के लागू होने के बाद कम्पनी के पूंजी संतुलन पर प्रभाव पड़ेगा. क्योंकि यह प्लान लंबे समय के लिए होते हैं.ऐसे में पूंजी का संतुलन बनाए रखना काफी मुश्किल होता है. इसके साथ-साथ कुछ कंपनियों ने यह भी कहा कि इस नए नियम का प्रभाव उन पॉलिसी होल्डर पर भी पड़ेगा, जोकी मैच्योरिटी तक अपनी पॉलिसी को जारी रखते हैं. क्योंकि इस नए नियम से पॉलिसी को मेच्योरिटी तक रखने वाले पॉलिसी होल्डर का प्रीमियम घट सकता है. लेकिन इन सभी दलीलों के बावजूद इस नियम को लागू कर दिया गया है.इसके साथ-साथ पुराने प्रोडक्ट्स पर यह नियम 1 जून 2024 से ही लागू कर दिया गया था.