व्हाट्सएप की तरह ही एक पॉप्युलर मैसेजिंग एप जिसे आप Telegram के नाम से जानते हैं,जिस पर अब संकट के बादल मंडराने लगे हैं।जी हां, आपने सही सुना ख़बर है भारत में अब Telegram को बैन किया जा सकता है।खबर है कि हाल ही के दिनों में Telegram के CEO PAVEL DUROV (पावेल ढुरोव) को फ्रांस में गिरफ्तार कर दिया गया है। पावेल ढुरोव की गिरफ्तारी के पीछे फ्रांस सरकार ने गंभीर आरोप लगए हैं।रिपोर्ट के मुताबिक यदि उन पर यह आरोप साबित होते हैं, तो उन्हें 20 वर्ष की सजा भी हो सकती है।
भारत सरकार भी Telegram पर सख्त।
पावेल ढुरोव की गिरफ्तारी के बाद भारत सरकार भी टेलीग्राम पर सख्त हो गई है।खबरों की माने तो टेलीग्राम के सीईओ की गिरफ्तारी के बाद अब भारत सरकार भी टेलीग्राम की जांच शुरू करने जा रही है।इस जांच में सरकार यह पता लगाने की कोशिश कर रही है, की टेलीग्राम एप्लीकेशन का प्रयोग भारत में क्रिमिनल एक्टिविटी के लिए तो नही हो रहा है।टेलीग्राम की जांच के संबंध में भारत की IT मिनिस्ट्री टेलीग्राम के जरिए होने वाली गैर कानूनी एक्टिविटी जैसे कि मनी लॉन्ड्रिंग, मादक पदार्थों की तस्करी और पीडोफिलिक कंटेंट(चाइल्ड पोर्नोग्राफी) को शेयर करने से लेकर तमाम तरह की गैर कानूनी एक्टिविटी की जांच के संबंध में होम मिनिस्ट्री को सिफारिश भेजेगी।
Telegram पर लग सकता है बैन।
भारत की आईटी मिनिस्ट्री के एक अधिकारी के मुताबिक आईटी मिनिस्ट्री की टेलीग्राम पर पेनी नजर है।इस रिपोर्ट के मुताबिक टेलीग्राम के सीईओ या टेलीग्राम से संबंधित कोई भी व्यक्ति गैर कानूनी एक्टिविटी में शामिल पाया जाता है,तो टेलीग्राम पर भारत में बैन भी लग सकता है।भारत में यह जांच गृह मंत्रालय और मिनिस्ट्री आफ इनफॉरमेशन एंड टेक्नोलॉजी के तहत काम करने वाली एक Indian Cyber Crime Coordination Centre शुरू कर सकती है।आपको बता दे कि टेलीग्राम के भारत में लगभग 5 लाख से अधिक रजिस्टर उपभोक्ता है।ऐसे में पता चलता है कि भारत में टेलीग्राम एक बड़े पैमाने पर प्रयोग किया जाता है।इसके साथ-साथ यह एक सुरक्षा का भी मामला है और भारत सरकार इस विषय में काफी गहनता से भी जांच कर सकती है।
Telegram पर इन मुद्दों पर होगी जांच।
आपको बता दे की रिपोर्ट के मुताबिक भारत सरकार टेलीग्राम के Peer To Peer(P2P) कम्युनिकेशन पर जांच पर फोकस करेगी।जिसमें गैर कानूनी एक्टिविटीपर नजर रखी जाएगी।हालांकि रिपोर्ट आने के बाद में ही यह तय किया जाएगा, कि भारत में टेलीग्राम को बैन किया जाए या नहीं।क्योंकि यह मामला किसी देश की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है।इसलिए इस मुद्दे की गहनता से जांच किया जाना अनिवार्य हो जाता है।
Telegram के CEO को इस कारण किया गिरफ्तार।
आपको बता दे की टेलीग्राम के सीईओ पावेल ढुरोव को बीते शनिवार को फ्रांस सुरक्षा एजेंसीयों द्वारा गिरफ्तार किया गया।इसके बाद यह खबर पूरी दुनियां में आग की तरह फैल गई।हालांकि इस खबर के बाद में एलॉन मस्क से लेकर कई बड़े-बड़े सीईओ टेलीग्राम के समर्थन में भी आए हैं तो वहीं कुछ इसका विरोध भी कर रहे हैं।आपको बता दे की टेलीग्राम के इस विवाद में मुख्य वजह टेलीग्राम मॉडरेट की बताई जा रही है।यानी कि पुलिस के मुताबिक टेलीग्राम एप्लीकेशन पर गैर कानूनी गतिविधियों को बिना रोक-टोक के बड़े पैमाने पर फैलाया गया।आपको बता दे की हाल ही के दिनों में UGC-NEET की परीक्षा को लेकर भी टेलीग्राम भारत में काफ़ी सुर्खियों में रहा था।जिसमें विवाद यह रहा की NEET मेडिकल एंट्रेंस के क्वे प्रसन पेपर को 5000 से 10000₹ में बेचा जा रहा था।
भारत में Telegram बैन करने में मुख्य परेशानी।
आपको बता दे की टेलीग्राम को भारत में बैन करने में एक मुख्य समस्या यह है, कि टेलीग्राम सीधे तौर पर आईटी नियमों का उल्लंघन नहीं कर रहा।लेकिन इसके वह भारत से जुड़ी कोई भी गैर कानूनी गतिविधियों के बारे में भी कोई जानकारी प्रदान नहीं कर रहा।आपको बता दे की टेलीग्राम जैसे एप्लीकेशन के लिए एक नोडल ऑफिसर और एक की कंप्लायंस ऑफिसर की दरकार होती है।जो की मंथली कंप्लायंस रिपोर्ट जारी करते है, जो की टेलीग्राम दोबारा की जा रही है।इसके साथ-साथ एक दूसरी समस्या यह है, कि टेलीग्राम एप्लीकेशन भारत द्वारा निर्मित नहीं है अर्थात यह अन्य देश है।इसलिए टेलीग्राम से संबंधित नियमों को मानना पड़ता है।आपको बता दे कि भारत सरकार की टेलीग्राम पर यह कार्रवाई कोई पहली बार नहीं है,बल्कि इससे पहले भी पिछले साल भारत सरकार ने टेलीग्राम वह अन्य एप्लीकेशन से child abusing sexual कंटेंट को हटाने के संबंध में नोटिस जारी किया था।
Telegram पॉलिसी भी परेशानी का कारण।
आपको बता दे की टेलीग्राम और व्हाट्सएप जैसी एप्लीकेशन को डाटा सीक्रेट रखने के कारण उनकी सराहना भी की जाती है।तो वही यही डाटा सीक्रेसी कुछ देशों में विवाद भी पैदा करती है।क्योंकि टेलीग्राम भी व्हाट्सएप की तरह अपने डेटा को इंक्रिप्टेड(encrypted) रखता है।अर्थात यह थर्ड पार्टी को अपना डाटा शेयर नहीं करता।और इसकी यही नीति कुछ सरकारों के लिएजी का जंजाल बन जाती है।यही कारण है कि भारत सरकार भी यही मानती है, कि टेलीग्राम का प्रयोग भारत में गैर कानूनी गतिविधियों के लिए हो रहा है।वही टेलीग्राम की डाटा इंक्रिप्टेड पॉलिसी (डाटा सीक्रेसी) भारत सरकार लिए एक चुनौती बनी है।