“देख रहे हो बिनोद” यह लाइन तो आपने सुनी ही होगी।जो कि इतनी पॉपुलर हुई कि इस पर मीमस बनने लगे। 

लेकिन इसी बिनोद को यहां तक पहुंचने में काफी संघर्षों का सामना करना पड़ा। 

हालांकि निजी जिंदगी में बिनोद का नाम असली नाम अशोक पाठक है, जो की बिहार के रहने वाले हैं।  

लेकिन बाद में हरियाणा के  हिसार शहर में रहने लगे।पढ़ाई में कमजोर होने के कारण अशोक पाठक 

 ने फिल्मी करियर में आने का फैसला किया।लेकिन घर में गरीबी होने के कारण कभी इन्होंने साइकिल पर रुई बेची तो

कभी 3500 में जिंदल इंडस्ट्री मे नौकरी की। हालांकि इनको एक्टर बनना था और इनके  पास में इतने पैसे थे नहीं । 

तो इसके लिए इन्होंने हिसार में रहकर कमर्शियल थिएटर किया, वहां से इन्हें 40-50 हजार रुपए प्राप्त हुए।

जिसे यह लेकर मुंबई आ गए मुंबई में आते ही इन्हें विज्ञापन (Ads) मिलने लगे।इसके बाद इनका एक दोस्त फिल्म कास्टिंग में काम करता था। 

जिन्होंने इन्हें पंचायत के रोल के लिए ऑफर किया और ऑडिशन के बाद मिले सेलेक्ट कर लिए गए।