जिस प्रकार हरियाणा सरकार Family id में नये-नये विकल्प लाती जा रही है। वैसे-वैसे यह हरियाणा वासियों के लिए एक समस्या भी बनती जा रही है।हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं,क्योंकि जानकारी के अभाव तथा अपर्याप्त डाटा के कारण हरियाणा वासियों को हर रोज Family id के सम्बन्ध में सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।लेकिन बावजूद इसके कोई भी हल नहीं हो पा रहा है।Family id के संबंध में बात की जाये तो, इसमें मुख्य समस्या इनकम वेरीफिकेशन बनी हुई है।जिसके आधार पर ही हरियाणा सरकार द्वारा दी जा रही सभी योजनाओं को क्रियान्वित किया जाता है।अब इसी कड़ी में हरियाणा सरकार ने इनकम वेरिफिकेशन की समस्या को ध्यान में रखते हुए इनकम वेरिफिकेशन किस प्रकार की जाती है, का फार्मूला शेयर किया है।वहीं पिछले दिनों ही हरियाणा सरकार ने हरियाणा वासियों के लिए प्रदेश में Family id को पूर्ण रूप से लागू किया था।
- 1 Family id में इस प्रकार की जा रही है,इनकम वेरीफिकेशन।
- 2 इस कारण से बढ़ रही है, फैमिली आईडी में इनकम।
- 3 बिजली खपत के आधार पर भी इनकम वेरीफिकेशन।
- 4 वाहनों के आधार पर इनकम वेरीफिकेशन।
- 5 कर्मचारियों के आधार पर इनकम वेरीफिकेशन।
- 6 निजी संपत्ति के आधार पर भी इनकम वेरीफिकेशन।
- 7 किस प्रकार की जाती है, इनकम वेरीफिकेशन।
- 8 क्यों है, इनकम वेरिफिकेशन जरूरी।
- 9 Some important links related to Family ID
Family id में इस प्रकार की जा रही है,इनकम वेरीफिकेशन।
Family id में किस प्रकार इनकम वेरिफिकेशन की जा रही है इस संबंध में जानकारी देते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के प्रधान सचिव वी. उमाशंकर ने बताया कि-Family id में Income Verification करने के लिए एक सरकारी कर्मचारी, एक लोकल CSC ऑपरेटर, एक स्टूडेंट, एक सोशल एक्टिविस्ट और एक वॉलिंटियर की कमेटी Family id में आय वेरिफिकेशन का कार्य करती है।जिसे हरियाणा सरकार ने लोकल कमेटी का नाम दिया है।इसके अलावा यदि इन सदस्यों में कोई भी गलत इनकम वेरिफिकेशन करता है तथा इसकी शिकायत की जाती है।तो इसके आधार पर फिर ऊपर की अथॉरिटी द्वारा इनकम वेरिफिकेशन का कार्य किया जाता है।
इस कारण से बढ़ रही है, फैमिली आईडी में इनकम।
प्रधान सचिव वी. उमाशंकर ने बताया की फैमिली आईडी में इनकम बढ़ने का मुख्य कारण परिवार की आय तो है ही, इसके साथ-साथ कुछ व्यक्तियों ने बैंकों से लोन लेने के चक्कर में ज्यादा आईटी रिटर्न भारी तो उसे हिसाब से भी उनकी इनकम ज्यादा दिखाई दे रही।वहीं रिटर्न भरने वाले व्यक्तियों के Income Verification के लिए पिछले 3 वर्षों के आकड़ों की औसत के आधार पर ही फैमिली आईडी में इनकम की वेरिफिकेशन की है।
बिजली खपत के आधार पर भी इनकम वेरीफिकेशन।
प्रधान सचिव ने बताया कि इनकम वेरिफिकेशन के लिए बिजली बिल को भी आधार बनाया गया है।उन्होंने कहा कि-प्रदेश का अभी तक 80 फीसदी डाटा हमने परिवार पहचान पत्र यानी की फैमिली आईडी से जोड़ा है जिसके आधार पर भी हम इनकम वेरिफिकेशन का कर रहे है।उन्होंने कहा कि- पहले परिवार पहचान पत्र यानी की फैमिली आईडी में ₹9000 सालाना आधार माना जाता था। लेकिन अब ₹12000 कर दिया है।इस हिसाब से कोई व्यक्ति अपनी आमदनी का पांच हिस्सा बिजली पर खर्च करता है।तो इस हिसाब से 15000 रुपए परिवार की मासिक आय मानी गई है।
वाहनों के आधार पर इनकम वेरीफिकेशन।
प्रधान सचिव ने बताया कि प्रदेश में लगभग 40 लाख वाहन पंजीकृत और यह डाटा प्रदूषण चेक करते समय वाहन मालिकों से लिया गया है।आगे उन्होंने कहा कि- जिन परिवारों के पास चार पहिया वाहन है, उन्हें 1,80,000 की आय के बाहर कर दिया है।जबकि दुपहिया वाहन मालिकों को 1,80,000 या इससे काम की श्रेणी में रखा गया है।यह जानकारी देते हुए उन्होंने कहाकि- वहन के संबंध में एकत्रित डाटा काफी पुराना है।लेकिन इसके आधार पर भी हमने इनकम वेरिफिकेशन के आंकड़े प्राप्त किये है।
कर्मचारियों के आधार पर इनकम वेरीफिकेशन।
प्रधान सचिव ने बताया कि इनकम वेरिफिकेशन के लिए कर्मचारियों को भी आधार बनाया गया है।हरियाणा सरकार के डाटा से पता लगा है, कि लगभग 3.5 लाख रेगुलर कर्मचारी है और 2,70,000 कांट्रेक्चुअल एम्पलाई हैं।मगर कांट्रेक्चुअल कर्मचारियों के आंकडा पूरी तरह से कोम्फ्रम न होने के कारण प्रदेश के 9500 DDO से उन कर्मचारियों का डाटा लिया गया। उसे समय तक 1.5 लख कांट्रेक्चुअल एम्पलाई पंजीकृत मिले।
औद्योगिक श्रमिकों के आधार पर इनकम वेरीफिकेशन।
वी. उमाशंकर ने बताया की औद्योगिक श्रमिकों के आधार पर भी फैमिली आईडी में इनकम वेरिफिकेशन की गई है। यह डाटा करोना काल से पहले का लिया गया है।इस आधार पर इस डाटा में कुछ त्रुटि है, लकिन अब सही किया जा रहा है।उन्होंने बताया की करोना काल के दौरान 70 से 80 हजार लोगों का औद्योगिक श्रमिक श्रेणी से कट गया था,जिसे अब दुरुस्त किया जा रहा है।वहीं कुछ फैक्ट्री संचालक अपने श्रमिकों को कम आय देकर कागजों में अधिक आय दिखाते हैं,उसे भी अब दुरुस्त किया जा रहा है।वही साथ में उन्होंने कहा कि- अगर यदि इस डाटा के आधार पर किसी को कोई शिकायत है, तो वह अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है। और इसका तुरंत समाधान होगा।साथ में उन्होंने यह भी बताया कि- औद्योगिक श्रमिकों की संख्या 22 से 23 लाख है। जिसमें से 15 से 17 लाख का डाटा मैपिंग हो चुका है।
निजी संपत्ति के आधार पर भी इनकम वेरीफिकेशन।
प्रधान सचिव ने बताया कि निजी संपत्ति के आधार पर भी Family id में इनकम वेरिफिकेशन की गई है।उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में 400 गज तक के मकान को बीपीएल परिवार के हिसाब से माना गया है। इसके अलावा चार से पांच लाख ऐसी संपत्ति है, जिन पर अभी तक विवाद है।
किस प्रकार की जाती है, इनकम वेरीफिकेशन।
हरियाणा सरकार द्वारा Family id में इनकम वेरिफिकेशन के लिए पांच सदस्यों की कमेटी बनाई जाती है।जिसमें एक सरकारी कर्मचारी जो की स्कूल का अध्यापक,एक सीएससी ऑपरेटर,एक वॉलिंटियर,एक सोशल एक्टिविस्ट तथा एक स्टूडेंट शामिल होते हैं।यह सभी मेंबर उसी गांव से लिए जाते हैं, जिस गांव की इनकम वेरिफिकेशन की जानी है।यह सभी मेंबर इनकम वेरिफिकेशन करने के लिए डोर टू डोर या फोन कॉल दोबारा फैमिली आईडी में Self मेंबर या घर के मुखिया द्वारा बताई गई इनकम के अनुसार ही Family id में इनकम वेरिफिकेशन करते हैं।
क्यों है, इनकम वेरिफिकेशन जरूरी।
फैमिली आईडी में इनकम वेरिफिकेशन करवाना सरकार द्वारा अनिवार्य कर दिया गया है।क्योंकि हरियाणा सरकार द्वारा इनकम के आधार पर ही अब लोगों में योजनाओं का वितरण किया जा रहा है।हरियाणा सरकार द्वारा इनकम वेरिफिकेशन के लिए कुछ स्लैप बनाए गए।जिनके आधार पर ही व्यक्ति की इनकम वेरीफाई की जाती है।हरियाणा सरकार के अनुसार वे व्यक्ति जिनकी आय ₹50,000 से कम है,उन्हें अंत्योदय परिवार(AYY) का नाम दिया गया है।वहीं जिन परिवार की आय1,80,000 रुपये या इससे काम है,उन्हें गरीब(BPL) परिवार। तथा जिन परिवारों की वार्षिक इनकम 1,80,000 से ऊपर है, उन परिवारों को गरीबी(APL) रेखा से ऊपर वाले परिवार का दर्जा दिया गया है।
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