SYL के मुद्दे पर हरियाणा-पंजाब के मुख्यमंत्रियों में क्या हुई बातचीत देखनें पूरी ख़बर।

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SYL के मुद्दे पर हरियाणा और पंजाब के मुख्यमंत्रियों के बीच कल हुई बैठक एक बार फिर बेनाजीता रही। इस बैठक में हरियाणा-पंजाब के मुख्यमंत्रियों सहित केंद्रीय जल संसाधन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी इस मीटिंग में पहुंचें।यह मीटिंग केंद्रीय जल मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के द्वारा बुलाई गई थी।जो कि लगभग 1 घंटे तक चली।बैठक के मुख्य पहलू पर बात की जाए। तो हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के सामने सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्राप्त ऑर्डर, जिसमें SYL के निर्माण तथा हरियाणा को अपने हक का पानी देने की बात कही गई थी का जिक्र किया।लेकिन पत्रकारों से बात करते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि दोनों मुख्यमंत्री के बीच में “मनोहर बातचीत हुई, लेकिन पंजाब के मुख्यमंत्री मान नहीं रहे”।

इससे पहले भी हो चुकी है बैठक।

SYL के मुद्दे पर हरियाणा और पंजाब के मुख्यमंत्रियों के बीच इससे पहले भी दो बार बैठकें हो चुकी है।लेकिन वह दोनों बैठकर भी बेनतीजा  रही।हालांकि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इस बार पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा है कि- पंजाब सरकार और केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में वर्तमान स्थिति के संबंध में एक एफिडेविट देगी। और उसी आधार पर ही इस विषय के संबंध में(SYL) कुछ फैसले किए जाएंगे

मुख्यमंत्रियों के सवाल-जवाब।

पत्रकारों से बातचीत करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि- हम अपने पुराने स्टैंड पर कायम हैं।और किसी के साथ में भी पानी साझा करने के लिए उनके पास में उतनी मात्रा में पानी नहीं है।सीएम ने कहा कि पंजाब को 52 एमएएफ पानी चाहिए,लेकिन हमें 14.5 एमएएफ ही पानी मिल रहा है।भगवंत मान ने यह भी कहा कि केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को हमने यह साफ कर दिया है, कि हमारे पास हरियाणा को देने के लिए पानी नहीं है।वहीं उनके इस बयान पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है की- नहर का निर्माण और पानी दोनों अलग-अलग विषय हैं और हम केवल सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्देश का पालन कर रहे हैं।वहीं हरियाणा के मुख्यमंत्री के इस बयान पर पंजाब के मुख्यमंत्री ने पलटवार करते हुए कहा है कि- जब पंजाब के पास में देने के लिए पानी ही नहीं है, तो फिर नहर बनाने का कोई औचित्य नहीं है।

पंजाब को मिलता है कम पानी।

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा है कि- हरियाणा को कई चैनलों जैसे- यमुना, शारदा लिंक से भी पानी मिलता है।जबकि पंजाब को केवल सतलुज नदी से ही पानी प्राप्त होता है। जो की अब नाले में बदल चुकी है।मुख्यमंत्री ने कहा कि- पंजाब को 52 MM पानी मिलना चाहिए।लेकिन फिलहाल उन्हें 14.5 MM ही पानी मिल रहा है।और यदि भू स्तर की बात की जाए तो वह भी 600-700 फीट नीचे गिर गया है।मान ने कहा कि पंजाब के किसानों को जिन मशीनों से पानी निकलना पड़ रहा है। उन मशीनों से दुबई में जमीनों से तेल निकाला जाता है।

पंजाब के भी हर खेत को मिलना चाहिए पानी

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा की 1995 से हरियाणा सरकार का सतलुज नदी से पानी लेने का एग्रीमेंट था।लेकिन 30 सालों में अभी तक हरियाणा सरकार एक भीडैम नहीं बना पाई है।भगवंत मान ने यह भी कहा कि- पंजाब सरकार रवि नदी पर एक डैम बनाकर 206 मेगावाट बिजली भी पैदा करेंगे। और हम यह भी कोशिश कर रहे हैं, कि- “पंजाब के हर एक खेत को पानी मिले”।

बाढ़ के दौरान हरियाणा ने नहीं लिया

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि- पंजाब का 5MM पानी दिया जा रहा है।लेकिन यह पानी रवि के रास्ते जम्मू कश्मीर के चेनाब नदी से आता है।उन्होंने कहा कि- पंजाब से पाकिस्तान को पानी नहीं दिया जा रहा।मान ने कहा की- इस साल जब बाढ़ आई थी,तब हमने हरियाणा से पूछा था। कि क्या पानी की जरूरत है, इस पर हरियाणा सरकार ने इनकार कर दिया था।

SYL पर मनोहर लाल खट्टर का क्या है रुख

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर में कहां है कि- अनुबंध के अनुसार हरियाणा को उनका पानी नहीं दिया जा रहा।जिससे फसलों को नुकसान भी हो रहा है और हरियाणा सूक्ष्म सिंचाई पद्धति को अपना कर जल प्रबंधन कर रहा है।जिसकी सहाना केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने की।वहीं मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि- हरियाणा के हिस्से का पानी पाकिस्तान को दिया जा रहा है।पत्रकारों से बातचीत करते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि- इस बार पंजाब सरकार सुप्रीम कोर्ट में इस पूरे मामले से संबंधित(SYL) एक एफिडेविट देंगी।और उसी आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि पंजाब को जितना पानी चाहिए उतना पानी उनके पास में पर्याप्त है।लकिन फिर भी वो पानी नही दे रहे।वही मुख्यमंत्री ने कहा की- बचे हुए पानी के लिए एक नहर की आवश्यकता होती है जिसमे अतरिक्त पानी छोड़ा जा सके।उन्होंने यह भी का की हमारी भी कुछ ज़रूरतें जिसके लिए हम लंबे अरसे से नहर की मांग कर रहे हैं और सुप्रीम कोर्ट ने तो पहले ही हरियाणा को पानी से संबंधित जो भी फैसला वो मानने और नहर बनाने विषय में मंजूरी प्रदान कर दी।लेकिन फिर भी इस विषय पर पंजाब के मुख्यमंत्री मान नहीं रहे।

4 जनवरी को होगी सुप्रीम कोर्ट में अगली

पत्रकारों से बातचीत के दौरान पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा की- SYL के मुद्दे पर वह 4 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखेंगे।उन्होंने यह भी कहा कि- हम सुप्रीम कोर्ट में एक हालकनामा दाखिल करेंगे।भगवंत मान ने कहा की- चेनाब से रावी तक सिंधु जल समझौता हुआ था। जिसके तहत चेनाब और रावी के बीच एक सुरंग बनाई जानी थी।जिससे पंजाब को पांच MM पानी और मिल सकता था। लेकिन केंद्र सरकार ने आज तक उसे सुरंग का निर्माण नहीं करवाया है।

अभय चौटाला की पंजाब सरकार को नसीहत।

“जब पानी ही नहीं है, तो फिर नहर का क्या काम” वाले ब्यान पर अभय चौटाला ने पंजाब सरकार को नसीहत देते हुए कहा कि- नेताओं को ऐसे ध्यान नहीं देनी चाहिए।अभय सिंह चौटाला ने कहा कि नेताओं की नियत सही नहीं है, इनको इन्हीं की भाषा में जवाब देना होगा।अभय सिंह चौटाला ने यह भी कहा कि पंजाब का किसान व आम आदमी यह नहीं चाहता की पानी के विषय में हरियाणा के साथ कोई विवाद हो।इस विषय पर उन्होंने किसान आंदोलन का हवाला दिया।अभय सिंह चौटाला ने कहा की हरियाणा के गांव में अभी पीने के पानी की समस्या बनी हुई है। यदि SYL का पानी हरियाणा को मिलता है, तो नहर के माध्यम से यह पानी हरियाणा के प्रत्येक गांव में पहुंचेगा।जिससे पीने के पानी की समस्या से छूट कर मिलेगा।

भीख नहीं मांग अपना हक़ मांग रहे हैं।

अभय सिंह चौटाला ने कहा कि 35 लाख एकड़ हरियाणा की ऐसी जमीन है।जो पानी के बगैर बंजारा है।यदि SYL का पानी मिलता है।तो इन जमीनों पर भी खेती होगी।अभय सिंह चौटाला में यह भी कहा कि- हम पंजाब से कोई ‘भीख नहीं मांग’ रहे,बल्कि अपने हक का पानी मांग रहे हैं।जो कि हरियाणा-पंजाब के बंटवारे के समय जो फैसले हुए थे।उनके आधार पर हरियाणा को उसके हिस्से का पानी मिलना चाहिए।उन्होंने कहा कि- ये फैसले अब जल्द ही होगें।और हमारी सरकार बनते ही इस फैसले का हम समाधान करेंगे और हरियाणा के किसानों को उनके हितों का पानी मिलेगा।

इसे भी देखें।

किसान आंदोलन:अब दुष्यंत चौटाला ने दिया यह ब्यान। 

 

 

 

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