मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में बुधवार को होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में कई नए प्रस्ताव को मंजूरी मिली सकती है। मिली जानकारी के अनुसार हरियाणा सरकार ग्रामीण क्षेत्र के बंदिशें के 28.87 लाख कनेक्शन का 372 करोड रुपए के पानी के बिल माफ कर सकती है ।यह बड़ा फैसला आज होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में लिया जा सकता है। इस प्रस्ताव को हरियाणा सरकार के जन स्वास्थ्य विभाग ने तैयार किया है तथा इस प्रस्ताव को इस बैठक में रखने की मंजूरी भी मनोहर लाल खट्टर में दे दी है ।
- 1 किन-किन का होगा पानी बिल माफ़।
- 2 वित्त विभाग की तरफ से भी मंजूरी।
- 3 जल जीवन मिशन योजना भी बेअसर।
- 4 मंत्रिमंडल की बैठक में वीजा एजेंसियों के लिए पास होगा ये विधेयक।
- 5 इस विधेयक को पास करने का मुख्य उद्देश्य।
- 6 ‘सम्मानजनक शव निपटान’ अधिनियम को भी मिलेगी मंजूरी।
- 7 हुक्का बार बंद करने वाला विधेयक भी होगा पास।
- 8 उच्चतर शिक्षा विभाग के भर्ती संबंधी नियमों में होंगे संशोधन।
किन-किन का होगा पानी बिल माफ़।
मिली जानकारी के अनुसार इस मंत्रिमंडल की बैठक में, गांव में संस्थागत, व्यावसायिक और औद्योगिक उद्देश्यों को छोड़कर सभी प्रकार के उपभोक्ता (सामान्य श्रेणी के साथ-साथ अनुसूचित जाति से संबंधित सभी के लिए) 1.04.2015 से 31.12.2022 तक संचित जल शुल्क 336.356 करोड रुपए को माफ करना शामिल किया जा सकता है।इसके साथ-साथ मंत्रिमंडल की इस बैठक में जल शुल्क पर भी 35.78 करोड रुपए का संक्षिप्त सरचार्ज यानी की ब्याज भी माफ किया जायेगा।
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वित्त विभाग की तरफ से भी मंजूरी।
खबरों की माने तो वित्त विभाग ने भी नवंबर 2023 में इस प्रस्ताव को मंजूर किया था जिसके तहत 31.12.2022 तक28,87,757 जल कनेक्शन का 372.13 करोड रुपए का कुल बकाया बिल माफ़ किया जाएगा।
जल जीवन मिशन योजना भी बेअसर।
इससे पहले हरियाणा सरकार ने जल जीवन मिशन के तहत जल कनेक्शन के लिए ₹500 एडवांस्ड पेमेंट करने जरनल कैटेगरी के लिए ₹40 और अनुसूचित जाति के लिए ₹20 प्रति महीना फ्लैट रेट का विकल्प दिया था इसके साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र में जून और दिसंबर यानी कि साल में छह-छह महीने में दो बार बिल जारी किए जाते हैं का भी विकल्प दिया था लेकिन विभाग की इतनी कोशिश किया बावजूद भी इन बिलों का भुगतान नहीं हो पाया जिसके कारण मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने जुलाई 2023 को हुए एक जन सवांद कार्यक्रम में जल शुल्क और अधिभार माफ करने की घोषणा की थी। इसी घोषणा के सभी रूप इस प्रस्ताव को तैयार किया।
मंत्रिमंडल की बैठक में वीजा एजेंसियों के लिए पास होगा ये विधेयक।
हरियाणा सरकार कि मंत्रिमंडल की बैठक में गृह विभाग की तरफ से विदेश भेजने वाली एजेंसी को भी पंजीकरण करवाने होगा। इस विधेयक को भी इस मंत्रिमंडल की बैठक में पास किया जाएगा। ट्रैवल एजेंट को यह पंजीकरण 3 साल के लिए मिलेगा अर्थात उसकी वैधता तीन वर्ष तक रहेगी।अगर कोई भी इस कानून में उल्लघन करता पाया जाता है।तो इसमें 10 साल की सजा का प्रावधान किया गया है।
इस विधेयक को पास करने का मुख्य उद्देश्य।
हरियाणा सरकार ने कहा है-कि इस विधेयक को लागू करने का मुख्य उद्देश्य आम जन को राहत प्रदान करना है।सरकार ने कहा है- कि हमारे सामने पिछले कई वर्षों से हरियाणा राज्य से ऐसे मामले आए हैं। जिनमें एजेंट गलत तरीके से बात से बेरोजगार युवाओं को विदेश भेजने के नाम पर जाल में फसाते है। अपंजीकृत एजेंट व्यक्तियों को प्रवास का वादा करके धोखा देते हैं। सरकार का मानना है की, कुछ एजेंट युवाओं को विदेश में विश्वविद्यालय और कॉलेज से ऑफर लेटर के जरिए वर्क वीजा,वर्क परमिट, स्टडी वीजा की व्यवस्था करने का वादा करते हैं। लेकिन कई मामलों में वो अपनी बातें को पूरा नहीं कर पाते और इस प्रकार एक साधारण व्यक्ति उनके जाल में फंस जाता है। कई बार यह एजेंट निर्दोष व्यक्ति को अवैध क्षेत्र में प्रवेश करवाते हैं। जिसके लिए उसे क्षेत्र की पुलिस उन्हें पकड़ लेती है और सलाखों के पीछे डाल देती है। परिणाम स्वरूप ऐसे व्यक्ति अपनी मेहनत कमाई को धोखे में दे देते हैं। ट्रैवल एजेंट की इन्हीं गतिविधियों पर अंकुश लगाने और अवैध अप्रवास पर अंकुश लगाने के लिए हरियाणा सरकार इस मंत्रिमंडल की बैठक में “हरियाणा पंजीकरण और ट्रैवल एजेंसी का विनियमन अधिनियम 2023 में संशोधन करके इस अधिनियम को पास कर सकती है।
‘सम्मानजनक शव निपटान’ अधिनियम को भी मिलेगी मंजूरी।
मंत्रिमंडल की इस बैठक में गृह विभाग की तरफ से हरियाणा सम्मानजनक शव निपटान अधिनियम 2023 को भी मंजूरी मिलेगी।इसके लिए विभाग ने प्रस्ताव भेज दिया है इस विधेयक के अनुसार अगर परिवार के किसी सदस्य के शव को आंदोलन के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। तो 6 महीने से 2 साल तक की सजा का प्रावधान भी इस विधेयक में किया गया है।अगर पुलिस को यह पता चलता है, की शव का इस्तेमाल आंदोलन के लिए हो रहा है। तो वह SP को सूचित करेंगे और शव को कब्जे में लेकर कार्यकारी मजिस्ट्रेट परिवार के सदस्यों को 12 घंटे का समय दहा संस्कार के लिए देगा।यदि परिवार के सदस्य शव दहा के लिए समय मांगते हैं, तो इसके लिए उन्हें और समय दिया जा सकता है।अन्यथा कार्यकारी मजिस्ट्रेट का यह दायित्व होगा, कि वह उस शव का सम्मान तरीके से दहा करवाए।
हुक्का बार बंद करने वाला विधेयक भी होगा पास।
कैबिनेट की इस मीटिंग में हरियाणा में हुक्का बार बंद करने वाला विधेयक भी पास होगा।अगर इसमें मंजूरी मिलती है तो, हरियाणा में हुक्का बार बंद किए जाएंगे। हरियाणा सरकार ने इस मुद्दे को काफी गंभीरता से लेते हुए कहा है की हरियाणा के विभिन्न जिलों में हुक्का बार निकोटिन युक्त तमाकू का प्रयोग हो रहा है। जो कि बड़े पैमाने पर जनता के स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है। ऐसे हुक्का बारों में विभिन्न स्वाद जड़ी बूटियां भी परोसी जाती है। कई बार तो हुक्का बारों में स्वाद जड़ी-बूटी परोसने की आड़ में प्रतिबंधित दवाइयां भी परोसी जाती है। इस प्रकार के हुक्का बारे में हुक्का में पानी की पाइप प्रणाली और चारकोल के साथ गर्म किया गया स्वाद युक्त घातक शामिल होता है। स्वाद युक्त घातक और कम कठोरता के कारण जिससे शरीर को नुकसान हों या ना होने की गलत धारणा के कारण इसका उपयोग काफ़ी बढ़ गया। जिससे इसे पीने वालों को तो नुकसान होता है, साथ में पीने वाले व्यक्तियों के पास बैठे वाले व्यक्तियों को भी इससे नुकसान होता है।सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पादन का निषेध और व्यापार और वाणिज्य उत्पादन अधिनियम 2003 की धारा 3 के तहत धुम्रपान को परिभासित करता है।लेकिन हुक्का पीना इसमें शामिल नही है। इसके लिए हरियाणा सरकार अधिनियम 2023 को परिभाषित करते हुए-हुक्का को प्रतिबंधित करने के लिए तथा हरियाणा राज्य में हुक्का बार होटल,रेस्टोरेंट, शराब खाने व अन्य स्थान पर कोई हुक्का नहीं परोशा जाता।और इससे जुड़े प्रासंगिक मामलों के लिए इस मंत्रिमंडल की बैठक में यह विधेयक पास कर सकती है।
उच्चतर शिक्षा विभाग के भर्ती संबंधी नियमों में होंगे संशोधन।
मंत्रिमंडल की बैठक में उच्चतर शिक्षा विभाग में सहायक प्रोफेसर कॉलेज कैडर के पदों की भर्ती के नियम संशोधित करने का प्रस्ताव भेजा है। यह संशोधन मंत्रिमंडल की बैठक में पहले भी भेजा गया था, मगर कुछ बिंदुओं पर जानकारी मांगी गई थी।और इस एजेंडे को वापस भेज दिया गया था।अब विभाग ने दोबारा इस प्रस्ताव को मंत्रिमंडल की बैठक में भेजा है। इस प्रस्ताव के अनुसार प्रदेश के सरकारी कॉलेज में सहायक प्रोफेसर के आधे से ज्यादा पद रिक्त पड़े हैं। हाईकोर्ट भी इस पर टिप्पणी कर चुका है, मगर लगभग 5 साल से यह भर्तियाँ नहीं हुई है।अगर मंत्रिमंडल की बैठक में इन नियमों में संशोधन हो जाता है तो, विभाग हरियाणा लोक सेवा आयोग को आग्रह पत्र भेज कर 3500 पदों पर भर्ती करवाने का आग्रह करेगा है।